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बालक परिजनों की देखरेख व संरक्षण में रहकर सर्वांगीण विकास कर सके- रामजीशरण राय

बाल कल्याण समिति दतिया ने बालक को परिजनों को स्थायी सुपुर्द किया

वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण कर लिया गया निर्णय 

दतिया @Republicbreakingindianews.com>>>>>>>>>>>>>>>> जिले की बाल कल्याण समिति दतिया द्वारा एक संवेदनशील प्रकरण* में मानवीय दृष्टिकोण और विधिक प्रक्रिया के समन्वय के साथ एक बालक को उसके जैविक माता-पिता की स्थायी सुपुर्दगी प्रदान की गई। यह निर्णय समिति द्वारा बालक के सर्वोत्तम हित (Best Interest of Child) को ध्यान में रखते हुए विधिक प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त बालक को मुरैना पुलिस द्वारा दस्तयाब किया गया था। बालक को पहले बाल कल्याण समिति मुरैना के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहाँ समिति ने बालक की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रकरण पंजीबद्ध कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की। प्रारंभिक जाँच और सत्यापन के बाद समिति ने बालक की अस्थायी सुपुर्दगी उसके माता-पिता को दी थी तथा आगे की स्थायी सुपुर्दगी के लिए प्रकरण को बाल कल्याण समिति दतिया को स्थानांतरित किया गया था।

किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आज दिनाँक 27 अक्टूबर 2025 को बाल कल्याण समिति दतिया द्वारा संपूर्ण विधिक प्रक्रिया — जिसमें उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर परिजनों की पहचान, स्थानीय सत्यापन, साक्षियों की उपस्थिति तथा ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा प्रमाणीकरण शामिल था — पूर्ण करने के बाद बालक को उसकी जैविक माँ को स्थायी रूप से सुपुर्द किया गया।इस प्रक्रिया के दौरान बाल कल्याण समिति (प्रथमश्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट शक्ति प्राप्त न्यायपीठ) अध्यक्ष कल्पना राजे बैस के साथ सदस्यगण रामजीशरण राय, कृष्णा कुशवाहा,  संतोष तिवारी एवं वैभव खरे उपस्थित रहे। वहीं विशेष किशोर पुलिस इकाई (SJPU) की ओर से अनीता शर्मा, भगवत शर्मा तथा कमलेश आदिवासी ने भी उपस्थिति दर्ज कर कार्यवाही में सहयोग प्रदान किया।

समिति अध्यक्ष कल्पना राजे बैस ने जानकारी देते हुए कहा कि,बाल कल्याण समिति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बालक को सुरक्षित, प्रेमपूर्ण और सहयोगी वातावरण में उसका बचपन व्यतीत हो। किसी भी परिस्थिति में यदि बच्चा अपने परिजनों से अलग हो जाता है, तो समिति उसकी भलाई और पुनर्वास की दिशा में पूर्ण कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्य करती है।

समिति सदस्य रामजीशरण राय ने बताया कि यह कार्यवाही न केवल बाल संरक्षण कानूनों के पालन का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्रशासनिक और सामाजिक समन्वय के माध्यम से बच्चों को उनके पारिवारिक वातावरण में पुनर्स्थापित करना संभव है। इस प्रकार बाल कल्याण समिति दतिया ने बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए बालक को उसके परिवार से पुनः मिलाया। जिससे बालक का भविष्य सुरक्षित और स्नेहमय परिवेश में आगे बढ़कर अपना सर्वांगीण विकास करते हुए जिम्मेदार नागरिक बन राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दे सके। प्रेस को उक्त जानकारी समिति सदस्य कृष्णा कुशवाहा ने दी।

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