मुरैना- मोहनपुरा गांव के होनहार युवा जय तोमर की बीती रात कुछ लोगों ने मिलकर प्राणघातक हमला कर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि जय तोमर ने गांव की गोचर भूमि पर पूर्व सरपंच रामकरण तोमर द्वारा किए गए कब्जे का विरोध किया था। इसी मुद्दे को लेकर जय तोमर ने कई बार प्रशासन और पुलिस से शिकायत की थी कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं और उनकी जान को खतरा है, लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
ग्रामीणों के अनुसार, जय तोमर पर हमला करने वाले लोग लंबे समय से गांव की गोचर भूमि पर अवैध कब्जा जमाए हुए हैं। जय ने समाजहित में आवाज उठाई थी, परंतु इसी आवाज को दबाने के लिए उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।

जय तोमर की 20 नवंबर को लगुन और 22 नवंबर को टीका समारोह होना था। परिजनों के मुताबिक, जय ने स्वयं विवाह कार्ड भेजकर रिश्तेदारों को आमंत्रित किया था। अब परिवार सदमे में है — उनके बुजुर्ग माता-पिता का इकलौता सहारा छिन गया।
गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और पुलिस की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सवाल- जब प्रशासन को जय ने पहले से ही जानकारी थी कि उसकी हत्या हो सकती है तो कार्यवाही में लापरवाही क्योंकि की,