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दतिया मध्यप्रदेश

बालिका स्वस्थ्य होने पर सीडब्ल्यूसी ने विभागीय समन्वय से शिशुगृह में निवासरत कराई

नवजात बालिका को सीडब्ल्यूसी ने स्वास्थ्य विभाग से संरक्षण में लेकर शिशुगृह में निवासरत हेतु किया आदेश जारी

अनचाही संतानों को सीडब्ल्यूसी को सौंपे- कल्पनाराजे बैस

बच्चों को जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंपे, फैंके नहीं- अरविन्द उपाध्याय

दतिया @Republicbreakingindinanews.com>>>>>>>>>>>>>>>>>>> गत माह पुलिस थाना सेवढा अंतर्गत ग्राम दरियापुर में एक नवजात शिशु बालिका लावारिस अवस्था में वहां की एक दंपत्ति को उनके घर के सामने मिलने की सूचना प्राप्त हुई। जिसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी।

उक्त सूचना थाना प्रभारी सेंवढ़ा विनीत तिवारी ने बाल कल्याण समिति सदस्य रामजीशरण राय को देकर आगामी वैधनिक कार्यवाही हेतु चर्चा करते हुए बालिका महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी श्री हरनौद शर्मा तथा सुपरवाइजर श्रीमती साधना गुप्ता के सुपुर्द किया गया। बालिका की हालत खराब होने से तत्काल बाल कल्याण समिति एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास को सूचित करते हुए जिला चिकित्सासलय के नवजात शिशु देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया।

उक्त बालिका की विशेष देखभाल SNCU में पदस्थ स्टाफ, नर्सों एवं उनकी टीम द्वारा निरंतर की गयी। बालिका पूर्ण स्वस्थ्य होने के उपरांत आज बालिका को SNCU में पदस्थ समस्त मेडीकल स्टाफ की उपस्थिति में बाल कल्याण समिति ने अपने संरक्षण में लेते हुए बालिका को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया।

अब नवजात बालिका विभाग  के सहयोग से संचालित रोशनी शिशुगृह में निवासरत रहेगी। जब नवजात बालिका को संरक्षण प्रदान करने हेतु CWC के आदेश से महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा जा रहा था तो SNCU में पदस्थ मेडीकल स्टाफ की ऑंखे नम थी।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. के.सी. राठौर द्वारा बताया गया कि हमारे SNCU वार्ड में पदस्थ चिकित्साक डॉ. जगराम मांझी, आरएमओ डॉ. दिनेश तोमर, डॉ. प्रदीप उपाध्यांय, डॉ. राजेश पटेल, डॉ.. देवराज सिंह, एवं नर्सिंग इंचार्ज प्रमोद कुमारी, सपना प्रजापति, हिना एवं हेमा, योगिता श्रीवास्तव समस्त SNCU स्टाफ के द्वारा की गई सतत् चिकित्सी‍य देखभाल एवं सेवाभाव के कारण नवजात बालिका की जान बचायी जा सकी। जिसके कारण वे सभी धन्यवाद के पात्र हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द उपाध्याय द्वारा अपील की गयी कि कोई परिजन अपने बच्चों को ऐसे ही कहीं इधर उधर न छोडें। वे बच्चों को जिला चिकित्सालय एवं खण्ड स्तरीय चिकित्सालयों में लगाये गये पालना में छोड सकते हैं, ताकि बच्चो का जीवन सुरक्षित रहे। नवजात को सीधे जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यालय में भी सौंपा जा सकता है। सौंपने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्रीमती कल्पना बैस द्वारा इस प्रकार बच्चों को सड़क एवं झाडियों में छोडने की बढती घटनाओं के संबंध में चिंता व्यक्त की एवं सुरक्षित सुपुर्दगी की कार्यवाही करने हेतु आवाहन किया।

इस अवसर पर बाल कल्याण समिति सदस्य व बाल अधिकारों के जानकार रामजीशरण राय ने उपस्थित जन समुदाय से अनचाही संतान अथवा अपने बच्चों की समुचित देखभाल और संरक्षण न कर पाने की स्थिति में बाल कल्याण समिति को सौंपने का आव्हान करते हुए उनके बेहतर भविष्य में साँझीदार बनने की अपील की।

इस मौके पर बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी श्री रामजीशरण राय, श्रीमती कृष्णा कुशवाह, श्री संतोष तिवारी, वैभव खरे एवं महिला एवं बाल विकास विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी धीरसिंह कुशवाह तथा रोशनी शिशुगृह से संदेश शर्मा, एसजेपीयू से भगवत शर्मा व श्रीमती अनीता शर्मा एवं स्टाफ उपस्थित रहे।

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