लक्ष्मण तोमर 9926261372
नर्सिंगहोम/अस्पताल संचालकों को आदेशित किया गया है कि उपरोक्तानुसार नर्सिंगहोम/अस्पताल का संचालन तत्काल बंद करें, अगर नर्सिंगहोम/अस्पताल का संचालन किया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी
ग्वालियर – शहर के तमाम क्षेत्रों में अवैध रूप से पंजीयन तिथि खत्म हो जाने के बाद भी चल रहे निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई की है लंबे समय से कई अस्पताल पंजीयन निरस्त होने के बाद भी चल रहे थे। इस जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जब सभी जगह का रिकॉर्ड खंगालकर कार्रवाई की तो ऐसे साठ अस्पताल नजर आए और इन पर सीएमएचओ डॉ सचिन श्रीवास्तव ने सभी अस्पतालों का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
म.प्र.उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1993 तथा नियम 1997 यथा संशोधित विधेयक 2008 एवं 2021 में निहित अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन का नवीनीकरण प्रत्येक तीन वर्ष के अंतराल में किया जाना अनिवार्य है, जिस हेतु नियम, 1997 के उप नियम 6(1) अनुसार 31 मार्च के न्यूनतम एक माह पूर्व ऐसे समस्त निजी स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा ऑनलाईन आवेदन नर्सिंग होम पोर्टल के माध्यम से पर्यवेक्षी प्राधिकारी को प्रस्तुत किया जाना होता है। अधिनियम की धारा 3 अनुसार बिना वैद्य पंजीयन के नर्सिंग होम का संचालन नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें, मध्यप्रदेश भोपाल के निर्देशानुसार कार्यायलीन पत्र क्रमांक / नर्सिंगहोम/2024/15001-02 ग्वालियर दिनांक 27.12.2024 के द्वारा 31 मार्च 2025 को वैद्यता समाप्त होने वाले समस्त प्राईवेट नर्सिंगहोम एवं अस्पताल और क्लीनिक, जिला-ग्वालियर को पत्र जारी कर सूचित किया गया था कि 28 फरवरी 2025 के मध्यरात्रि 12 बजे ऑनलाईन आवेदन करने हेतु पॉर्टल बंद हो जायेगा। राज्य शासन द्वारा पुनः अनुमति देते हुये 31 मार्च 2025 तक पोर्टल चालू किया गया था किन्तु निम्नानुसार नर्सिंगहोम / अस्पतालों के द्वारा समयसीमा में नर्सिंगहोम पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है जिस कारण से निम्न 60 नर्सिंगहोम / अस्पताल का पंजीयन / लाईसेंस स्वतः निरस्त होकर पोर्टल से विलोपित हो गया है।
उपरोक्त कारणों को दृष्टिगत रखते म.प्र. उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1993 तथा नियम 1997 यथा संशोधित विधेयक 2008 एवं 2021 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत निम्नानुसार नर्सिंगहोम / अस्पतालों का पंजीयन / लाईसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किये जाते है।
इनके हुये पंजीयन निरस्त:-
1- आदर्श अस्पताल –
2- अंबिका मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
3- अनमोल अस्पताल
4- आराध्या मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
5- बालाजी मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल
6- भारत अस्पताल
7- बुंदेलखंड अस्पताल
8- चंबल अस्पताल
9- चांदक अस्पताल
10- चिरंजीवी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
11- जी.डी. हॉस्पिटल
12- गैलेक्सी हॉस्पिटल
13- गोविंद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
14- ग्वालियर सिटी हॉस्पिटल
15- ग्वालियर हॉस्पिटल
16 – ग्वालियर हॉस्पिटल
17- हंसराज मेमोरियल हॉस्पिटल
18- जय महालक्ष्मी हॉस्पिटल
19- जेम्स हॉस्पिटल
20- के.एम. हॉस्पिटल
21- कल्पना बाजपेई मेमोरियल हॉस्पिटल
22- कल्याणी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
23- कमल मेमोरियल अस्पताल
24- कृष्णा हॉस्पिटल
25- लाइफ केयर एंड क्योर हॉस्पिटल
26- लाइफलाइन हॉस्पिटल
27- महारानी लक्ष्मीबाई अस्पताल
28- मंगल नेत्रालय
29- माया हॉस्पिटल
30- एमकेवी मेमोरियल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
31- मुस्कान हॉस्पिटल
32- एस एच मेमोरियल हॉस्पिटल
33- नंदकिशोर हेल्थकेयर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
34- नारायण हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
35- न्यू ग्वालियर हॉस्पिटल
36- न्यू लीला मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
37- निरपद हॉस्पिटल
38- ओलियाई हॉस्पिटल
39- पार्क होस्पीटल
40- प्रखर हॉस्पिटल
41- प्रासी हॉस्पिटल
42- प्राइम मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
43- राधे हॉस्पिटल
44- रामा ई.एन.टी. केयर सेंटर
45- रौनक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर
46- साईं श्रद्धा हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर
47- सालासर हॉस्पिटल
48- संजीवनी हॉस्पिटल
49- सत्यम ई.एन.टी. केयर सेंटर
50- श्री मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
51- श्री कृष्णा हॉस्पिटल
52- श्री महाराज सिंह हॉस्पिटल
53- श्री रामराजा हॉस्पिटल
54- श्री शंकर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल
55- श्रीमती रामादेवी स्मृति नर्सिंग होम
56- सोफिया हॉस्पिटल
57- स्पर्श हॉस्पिटल
58- सिम्स हॉस्पिटल रन वाय पी.टी. बटेश्वरी दयाल मिश्रा शिक्षा समिति ग्वालियर
59- टीकेएस हॉस्पिटल
60- व्हीजन लेसिक सेन्टर
उपरोक्त नर्सिंगहोम / अस्पताल संचालकों को आदेशित किया गया है कि उपरोक्तानुसार नर्सिंगहोम / अस्पताल का संचालन तत्काल बंद करें, अगर नर्सिंगहोम / अस्पताल का संचालन किया जाता है, तो संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। जिसके लिये संबंधित नर्सिंगहोम / अस्पताल संचालक स्वंय जिम्मेदार होगा