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दतिया मध्यप्रदेश समानता दिवस

जन अभियान परिषद ने मनाया समानता पर्व

दतिया @republicindianews. com/ Ramji S. Rai Datia>>>>>>>>>>>>>>>>मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद सेवड़ा जिला दतिया के द्वारा आज डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 132 वे जन्मदिवस पर मप्र जन अभियान परिषद द्वारा समानता पर्व का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि जयदेव शर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी सेवड़ा और कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार ब्रिज किशोर श्रीवास्तव तथा मुख्य वक्ता डॉ कामिनी पूर्व प्राचार्य वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखिका तथा वरिष्ठ अतिथि  रमाशंकर नगरिया दैनिक भास्कर पत्रकार, संजय शर्मा प्राचार्य, डॉ उत्तम शर्मा,  ओम प्रकाश दीक्षित वरिष्ठ शिक्षाविद, खंड कारवां आनंद पांडे,  मुनेंद्र शेजवार जिला समन्वय कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में अतिथियो द्वारा कहा गया कि वर्तमान समय में भारत रत्न डॉ. अंबेडकर जी किसी एक जाति धर्म के नहीं है बल्कि पूरे समाज में एक व्यक्ति ना होकर एक विचार के रूप में सभी ने अंगीकार किया है उनके द्वारा जो संविधान लिखा गया है उसमें भी उन्होंने सभी वर्गों की समानता के लिए काम किया है और दलित पिछड़ों के लिए उन्होंने एक ही आव्हान किया है शिक्षित हो संगठित रहो संघर्ष करो।

उन्होंने देश के विभाजन के समय कहा था कि मुस्लिम समुदाय की भलाई भारत के साथ रहने में और भारत के विभाजन से एक दिन ऐसा आएगा कि मुस्लिम अपनी गलती को स्वीकार करेंगे भारत अखंड भारत की कल्पना करता है बाबा साहब अंबेडकर ने एक बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखाओं में भी गए थे तो उन्होंने वहां देखा था कि वहां जाति धर्म का भेदभाव नहीं था समानता के साथ सब लोग अपनी श्रद्धा अनुसार कार्य कर रहे थे तो उन्होंने कहा था कि हमारे समाज के पास समय बहुत कम है इसलिए हम सभी को संघर्ष करना पड़ेगा अपने अधिकारों को पाने के लिए राष्ट्रीय संघ सेवक अच्छा कार्य कर रहा है डॉक्टर अंबेडकर जी द्वारा कहा गया था ।

उन्होंने कहा था कि शिक्षा से अपने सारे अधिकारों को प्राप्त किया सकता है और हर व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त करना चाहिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर लो में पीएचडी की, राजनीति शास्त्र पीएचडी की, इकोनॉमिक्स में पीएचडी की, वर्तमान समय में एक पी एच डी नहीं कर पाते आपने उस समय के परिवेश में भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश के समक्ष एक उदाहरण प्रस्तुत किया और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज में पिछड़े हुए लोगों के लिए समर्पित किया चाहते तो वह अपने जीवन को बहुत आलीशान तरीके से जी सकते थे लेकिन उन्होंने उसको स्वीकार न करते हुए समाज की चिंता की और समाज के लिए अधिकारों के लिए लड़ते रहे और आज अपने वातावरण में भेदभाव बहुत सीमा तक खत्म हो चुका है दृष्टि है उनको और शिक्षा से कम किया जाएगा लोगों का अधिकार प्राप्त हो इसके लिए बाबा साहब को हमेशा याद किया जाएगा। ऐसी वक्ताओ ने बात रखी तथा इस अवसर पर वरिष्ठ व्यक्तियों का साल श्री फल से सम्मान किया गया में कार्यक्रम में नवांकुर संस्थाएं ,प्रस्फुटन समितियां, मेंटर्स, मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास के छात्र छात्राएं, सामाजिक कार्यकर्ता आदि लोग उपस्थित रहै।

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